प्रशांत कुमार
मधेपुरा के बीएन मंडल विश्वविद्यालय में गुरुवार को 19 वें अभिषद की बैठक हो हंगामे के बीच सम्पन्न हो गया।कुल बजट की अगर बात करे तो 07 अरब 63 करोड़ 70 लाख 32 हजार 253 रुपये का पास हुआ।हालांकि बजट घाटे का था, तमाम विरोध से गूंजता रहा पूरा परिसर लेकिन आशा आश्वाशन पर यह पास हो गया।हर बार की तरह कुलपति अपना उपलब्धि गिनाते रहे और हर बार की तरह विभिन्न छात्र संघ के नेता और छात्र चिल्लाते रहे।
छात्र नेता सहित आम छात्र बैठक शुरू होने से पूर्व से ही अपने खिलाफ हो रहे अन्याय के लिए चिल्लाना शुरू कर दिए लेकिन उनकी सुनता कौन है ? साहब ने हर बार की तरह पुलिस की पुरकस व्यवस्था किये थे कि ज्यादे हंगामा हुआ तो लाठी से कूटकर शांत करवा लेंगे।हुआ भी यही छात्र की एक न चली और साहब लोग बजट पास कर निकल लिए ।बजट में गिनाया गया बस उतना ही जितना कुलपति साहब पूर्व से कहते आ रहे थे।बैठक में आये साहब लोग की खातिरदारी में कोई कमी नही हुई।बोतल बंद जल के साथ आगंतुक साहब के लिए सुप से शुरुआत की गई और चिकन ,मटन,मछली, पनीर ,कचौरी,मिक्स भेज और रसगुल्ला का खूब तरका लगा।साहब भी हटे नही दिल लजीज व्यंजन का खूब लुफ्त उठाया।
बताया जा रहा है कि आज के व्यवस्था में कुल खर्च करीब 5 से 10 लाख का है।बड़ा ताज्जुब की बात है कि जहां छात्र हित की बात होना चाहिए वहां कोई बात नही हुई ऐसा हम नही बल्कि छात्र और छात्रों का समूह कह रहा है फिर भी किस हिसाब से करीब 10 लाख मीट मटन और रसगुल्ला में उड़ा दिया गया। बात तो ये भी सामने आया कि जो भी माननीय सदस्य अंदर बैठक में थे वो केवल अपने हित के लिए रोना रोये।कोई एरियर के लिए तो कोई अपना बकाया भुकतान के लिए।छात्र हित के लिए एक मुद्दा तक नही उठा।बीएनएमयू ऐसा विश्विद्यालय है जहां एक आम शौचालय तक नही है वहां इतना बड़ा रकम चिकन मटन में उड़ गया।
अब बात कुलपति जी द्वारा विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाने पर
1. नियम-परिनियम के अनुरूप लोकतांत्रिक तरीके से काम :कुलपति ने कहा है नियम-परिनियम के अनुरूप लोकतांत्रिक तरीके से काम करने के लिए विश्वविद्यालय कटिबद्ध है और उसी अनुरूप कार्य किया जा रहा है लेकिन इन बिन्दुओ जैसे सीनेट, सिंडिकेट, एकेडमिक काॅउंसिल, परीक्षा-समिति, विकास-समिति, वित्त-समिति, भवन-निर्माण समिति, क्रय-विक्रय समिति आदि सभी पर लगातार सवाल खड़े होते रहे है लेकिन आप चुप रह जाते है.
2.पठन-पाठन पर जोर : कुलपति ने कहा हम सभी विश्वविद्यालय में अपना सर्वोत्तम योगदान दें।निर्धारित समयावधि का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। इस हेतु लगातार औचक निरीक्षण किए जा रहे है। सभी कार्यालयों, स्नातकोत्तर विभागों एवं महाविद्यालयों में ‘बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस सिस्टम‘ की शुरूआत हो चुकी है।शुरआत बहुत अच्छी है लेकिन आपके कार्यकाल को भी दो वर्ष होने को है अब तक लागू नही हो पाया .
3. नियमित सत्र और कदाचारमुक्त परीक्षा:कुलपति ने कहा हम सत्र नियमित करने हेतु भी कृत संकल्पित हैं। पिछले एक वर्ष में कुल 89 परीक्षाएँ आयोजित की गईं, उनमें से 80 का परीक्षाफल प्रकाशित हो चुका है। शेष 09 परीक्षाओं का परीक्षाफल इस माह के अंत तक प्रकाशित कर दिये जाएँगे। इस तरह हम दिसंबर 2018 तक सत्र नियमितिकरण हेतु प्रतिबद्ध हैं। इसी उद्देश्य से परीक्षा कैलेंडर एवं एकेडमिक कैलेंडर जारी कर दिए गए हैं।ये भी नही हो पाया है .लागातर परीक्षा विभाग का गलती नजर आता है लेकिन आप उसको दुरुस्त नही कर पाए है.परीक्षा नियंत्रक नविन कुमार की खामियां छात्रों ने आपके सामने कई बार रखा लेकिन आप किस कारण से मजबूर है उसे हटाने के लिए पता नही.
4 .खेल-कूद को बढ़ावा : ये तो सर्व विदित है कि पिछले दिन विश्वविद्यालय की उदासीनता के कारण टीम तक नही भेजी जा पाई.आपके इस विभाग में ऐसे अधिकारी को तैनात किया गया है जो खेल से अंजान है.
5 .छात्र संघ चुनाव :आपने पूर्व में भी चुनाव करवाया जो दागदार रहा.जाँच कमिटी बैठी रिपोर्ट आया नही.आया भी तो गोल मटोल और कार्रवाई जीरो.
6.जनसंपर्क : ये बात मानने वाली है कि विश्वविद्यालय का जनसंपर्क बहुत अच्छा हुआ है.छात्र आपसे और अन्य अधिकारीयों से सहज मिल पाते है और अपनी समस्या रख पाते है .
जितने भी आज के बैठक में कुलपति के द्वारा प्रतिवेदन विश्विद्यालय के अच्छाई होने के प्रमाण में दिए गये वो ठीक है ,बहुतों पर कार्य किया जा रहा है लेकिन विश्विद्यालय सुधरा नही है.समस्याओं का अम्बार है .लगातर छात्र नेताओं का आरोप है कि बीएनएमयू में एक मजबूर कुलपति है.हर घपला घोटाला पर जाँच कमिटी बन जाती है जाँच हो जाती है लेकिन साहब द्वारा रिपोर्ट जारी नही की जाती है और न कार्रवाई की जाती है.
किसने क्या कहा है बजट के बारे में ...
माया अध्यक्ष राहुल ने कहा है कि बैठक सिर्फ खाना पूर्ति ओर मौज-मस्ती का साधन बनके रह गया, करोड़ों का बजट तो पास हुआ लेकिन इसमें छात्र हित का कोई ख्याल नहीं रखा गया। न लाइब्रेरी, न लेबोरेट्री, न शोध को बढ़ावा देने का बजट नहीं हुआ बजट में सिर्फ प्रमोशन प्राप्त शिक्षकों के वेतन का ख्याल रखा गया, दीक्षांत समारोह में कुलपति ने मनमाने तरीके से अनाप-शनाप खर्च किया इस विषय पर एक भी सीनेट सदस्य ने कुलपतिे से जबाब नहीं माँगा।
उन्होंने कहा कुलपति ने पीजी सत्र 2017-19 के छात्रों को आनन-फानन में राशि लेकर डिग्री तो दे दिया लेकिन वे छात्र आज भी मार्कसीट के लिए भटक रहे हैं, बीए,पीजी,बीसीए, सभी सत्र विलंब चल रहे हैं , मेडिकल, इंजीनियरिंग, बीएड के कॉपी में टेम्परिंग का मामला किसी सदस्य ने नहीं उठाया, पिछले 7 वर्ष से प्री-पीएचडी टेस्ट नहीं हुआ और जो पहले प्री-पीएचडी पास भी कर लिए वे आज तक अवार्ड नहीं हो सके, कई महाविद्यालय में स्थायी प्राचार्य नहीं है,विवि की जमीन बगैर कुलाधिपति से स्वीकृति लिए एक निजी कंपनी को अनुबंध करना,बीएन मंडल के प्रतिमा को गाँधीजी का प्रतिमा बताकर महापुरुष के सम्मान को ठेंस पहुँचाया गया, विवि के स्टोर में करोड़ो रुपया का समान गायब है, विवि में अपना प्रिंटिंग प्रेस रहते हुए बाहर के प्रिंटिंग प्रेस से कमीशन लेके काम करवाने का सवाल किसी सदस्य ने नहीं उठाया, खेल तो मनमानी का विषय बन गया विवि के पदाधिकारियों के बच्चें ही नेशनल खेल सकते हैं या उनके चहेते बच्चे, सिल्वर जुबली के नाम पर अवैध निकासी की जाँच भी होनी चाहिए। कुल मिलाकर विवि ने सीनेट बैठक में छात्र हित की अनदेखी की है और बजट सिर्फ विवि के पदाधिकारियों के वेतन और मौजमस्ती के लिए बनाया गया बजट प्रतीत होता है।
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि विवि प्रशासन छात्रों की समस्याओं के प्रति संवेदनहीन बनती जा रही है, छात्रों के किसी भी समस्याओं को विवि प्रशासन समाधान नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि सत्र 2011-12 के प्री पीएचडी के छात्र को कोर्स वर्क में दर्जनों छात्रों को जानबूझकर विवि प्रशासन के द्वारा डिसक्वालिफाइड कर दिया गया। लेकिन जब छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन की मांग की तो विवि प्रशासन ने उन छात्रों को जिनका पैरवी एवं पहुंच था, अधिक मार्क से फेल होने के बावजूद उन लोगों को पास कर दिया। लेकिन बाकी छात्रों के कॉपी का मूल्यांकन नहीं किया। अनुत्तीर्ण छात्र 7 साल से दर-दर भटक रहे है। उन्होंने कहा कि स्नातक एवं पीजी के परीक्षा परिणाम में व्यापक पैमाने पर परीक्षा विभाग के द्वारा गड़बड़ी की गई है। हजारों छात्र-छात्राएं महाविद्यालय व विवि का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन विवि प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। बिना पेंडिंग रिजल्ट क्लियर किए फॉर्म भरने की तिथि जारी कर दी गई है।
विश्वविद्यालय अध्यक्ष कुमार गौतम ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय छात्रों के साथ खिलवार कर रही है.आज अरबों का बजट पास हो गया लेकिन छात्र के भविष्य के लिए कुछ नही हुआ है.ये बजट छात्र विरोधी है.कुलपति पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि कुलपति महोदय बस छात्रों को मीठा मीठा बोलने जानते है वो केवल विचार करते रहते है इधर छात्रों के साथ अन्याय हो जाता है.डॉ अवध किशोर राय जी एक मजबूर कुलपति है.जल्द ही प्रेस कांफ्रेंस करके विश्वविद्यालय का कलई खोलूँगा.
अभाविप के विभाग संयोजक रंजन यादव ने भी इस बजट को छात्र के लिए अन्याय बताया.उन्होंने कहा अरबों का बजट तो पास हुआ लेकिन इसमें छात्र हित का कोई ख्याल नहीं रखा गया। न लाइब्रेरी, न लेबोरेट्री, न शोध को बढ़ावा देने का बजट नहीं हुआ बजट में सिर्फ प्रमोशन प्राप्त शिक्षकों के वेतन का ख्याल रखा गया.उन्होंने सीनेट सदस्यों पर भी हमला बोला और कहा सभी सदस्यों में से किसी ने भी छात्र के लिए आवज नही उठाया बीएस अपने एरियर ,पेंशन ,नियमत सेवा से सम्बन्धित पर रोना रोये अच्छा खाना खाए और निकल लिए.
विश्वविद्यालय का कलई खोलता यह वीडियो भी देख लीजिए :
https://youtu.be/hM-zllWm6nY
मधेपुरा के बीएन मंडल विश्वविद्यालय में गुरुवार को 19 वें अभिषद की बैठक हो हंगामे के बीच सम्पन्न हो गया।कुल बजट की अगर बात करे तो 07 अरब 63 करोड़ 70 लाख 32 हजार 253 रुपये का पास हुआ।हालांकि बजट घाटे का था, तमाम विरोध से गूंजता रहा पूरा परिसर लेकिन आशा आश्वाशन पर यह पास हो गया।हर बार की तरह कुलपति अपना उपलब्धि गिनाते रहे और हर बार की तरह विभिन्न छात्र संघ के नेता और छात्र चिल्लाते रहे।
छात्र नेता सहित आम छात्र बैठक शुरू होने से पूर्व से ही अपने खिलाफ हो रहे अन्याय के लिए चिल्लाना शुरू कर दिए लेकिन उनकी सुनता कौन है ? साहब ने हर बार की तरह पुलिस की पुरकस व्यवस्था किये थे कि ज्यादे हंगामा हुआ तो लाठी से कूटकर शांत करवा लेंगे।हुआ भी यही छात्र की एक न चली और साहब लोग बजट पास कर निकल लिए ।बजट में गिनाया गया बस उतना ही जितना कुलपति साहब पूर्व से कहते आ रहे थे।बैठक में आये साहब लोग की खातिरदारी में कोई कमी नही हुई।बोतल बंद जल के साथ आगंतुक साहब के लिए सुप से शुरुआत की गई और चिकन ,मटन,मछली, पनीर ,कचौरी,मिक्स भेज और रसगुल्ला का खूब तरका लगा।साहब भी हटे नही दिल लजीज व्यंजन का खूब लुफ्त उठाया।
बताया जा रहा है कि आज के व्यवस्था में कुल खर्च करीब 5 से 10 लाख का है।बड़ा ताज्जुब की बात है कि जहां छात्र हित की बात होना चाहिए वहां कोई बात नही हुई ऐसा हम नही बल्कि छात्र और छात्रों का समूह कह रहा है फिर भी किस हिसाब से करीब 10 लाख मीट मटन और रसगुल्ला में उड़ा दिया गया। बात तो ये भी सामने आया कि जो भी माननीय सदस्य अंदर बैठक में थे वो केवल अपने हित के लिए रोना रोये।कोई एरियर के लिए तो कोई अपना बकाया भुकतान के लिए।छात्र हित के लिए एक मुद्दा तक नही उठा।बीएनएमयू ऐसा विश्विद्यालय है जहां एक आम शौचालय तक नही है वहां इतना बड़ा रकम चिकन मटन में उड़ गया।
अब बात कुलपति जी द्वारा विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाने पर
1. नियम-परिनियम के अनुरूप लोकतांत्रिक तरीके से काम :कुलपति ने कहा है नियम-परिनियम के अनुरूप लोकतांत्रिक तरीके से काम करने के लिए विश्वविद्यालय कटिबद्ध है और उसी अनुरूप कार्य किया जा रहा है लेकिन इन बिन्दुओ जैसे सीनेट, सिंडिकेट, एकेडमिक काॅउंसिल, परीक्षा-समिति, विकास-समिति, वित्त-समिति, भवन-निर्माण समिति, क्रय-विक्रय समिति आदि सभी पर लगातार सवाल खड़े होते रहे है लेकिन आप चुप रह जाते है.
2.पठन-पाठन पर जोर : कुलपति ने कहा हम सभी विश्वविद्यालय में अपना सर्वोत्तम योगदान दें।निर्धारित समयावधि का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। इस हेतु लगातार औचक निरीक्षण किए जा रहे है। सभी कार्यालयों, स्नातकोत्तर विभागों एवं महाविद्यालयों में ‘बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस सिस्टम‘ की शुरूआत हो चुकी है।शुरआत बहुत अच्छी है लेकिन आपके कार्यकाल को भी दो वर्ष होने को है अब तक लागू नही हो पाया .
3. नियमित सत्र और कदाचारमुक्त परीक्षा:कुलपति ने कहा हम सत्र नियमित करने हेतु भी कृत संकल्पित हैं। पिछले एक वर्ष में कुल 89 परीक्षाएँ आयोजित की गईं, उनमें से 80 का परीक्षाफल प्रकाशित हो चुका है। शेष 09 परीक्षाओं का परीक्षाफल इस माह के अंत तक प्रकाशित कर दिये जाएँगे। इस तरह हम दिसंबर 2018 तक सत्र नियमितिकरण हेतु प्रतिबद्ध हैं। इसी उद्देश्य से परीक्षा कैलेंडर एवं एकेडमिक कैलेंडर जारी कर दिए गए हैं।ये भी नही हो पाया है .लागातर परीक्षा विभाग का गलती नजर आता है लेकिन आप उसको दुरुस्त नही कर पाए है.परीक्षा नियंत्रक नविन कुमार की खामियां छात्रों ने आपके सामने कई बार रखा लेकिन आप किस कारण से मजबूर है उसे हटाने के लिए पता नही.
4 .खेल-कूद को बढ़ावा : ये तो सर्व विदित है कि पिछले दिन विश्वविद्यालय की उदासीनता के कारण टीम तक नही भेजी जा पाई.आपके इस विभाग में ऐसे अधिकारी को तैनात किया गया है जो खेल से अंजान है.
5 .छात्र संघ चुनाव :आपने पूर्व में भी चुनाव करवाया जो दागदार रहा.जाँच कमिटी बैठी रिपोर्ट आया नही.आया भी तो गोल मटोल और कार्रवाई जीरो.
6.जनसंपर्क : ये बात मानने वाली है कि विश्वविद्यालय का जनसंपर्क बहुत अच्छा हुआ है.छात्र आपसे और अन्य अधिकारीयों से सहज मिल पाते है और अपनी समस्या रख पाते है .
जितने भी आज के बैठक में कुलपति के द्वारा प्रतिवेदन विश्विद्यालय के अच्छाई होने के प्रमाण में दिए गये वो ठीक है ,बहुतों पर कार्य किया जा रहा है लेकिन विश्विद्यालय सुधरा नही है.समस्याओं का अम्बार है .लगातर छात्र नेताओं का आरोप है कि बीएनएमयू में एक मजबूर कुलपति है.हर घपला घोटाला पर जाँच कमिटी बन जाती है जाँच हो जाती है लेकिन साहब द्वारा रिपोर्ट जारी नही की जाती है और न कार्रवाई की जाती है.
किसने क्या कहा है बजट के बारे में ...
माया अध्यक्ष राहुल ने कहा है कि बैठक सिर्फ खाना पूर्ति ओर मौज-मस्ती का साधन बनके रह गया, करोड़ों का बजट तो पास हुआ लेकिन इसमें छात्र हित का कोई ख्याल नहीं रखा गया। न लाइब्रेरी, न लेबोरेट्री, न शोध को बढ़ावा देने का बजट नहीं हुआ बजट में सिर्फ प्रमोशन प्राप्त शिक्षकों के वेतन का ख्याल रखा गया, दीक्षांत समारोह में कुलपति ने मनमाने तरीके से अनाप-शनाप खर्च किया इस विषय पर एक भी सीनेट सदस्य ने कुलपतिे से जबाब नहीं माँगा।
उन्होंने कहा कुलपति ने पीजी सत्र 2017-19 के छात्रों को आनन-फानन में राशि लेकर डिग्री तो दे दिया लेकिन वे छात्र आज भी मार्कसीट के लिए भटक रहे हैं, बीए,पीजी,बीसीए, सभी सत्र विलंब चल रहे हैं , मेडिकल, इंजीनियरिंग, बीएड के कॉपी में टेम्परिंग का मामला किसी सदस्य ने नहीं उठाया, पिछले 7 वर्ष से प्री-पीएचडी टेस्ट नहीं हुआ और जो पहले प्री-पीएचडी पास भी कर लिए वे आज तक अवार्ड नहीं हो सके, कई महाविद्यालय में स्थायी प्राचार्य नहीं है,विवि की जमीन बगैर कुलाधिपति से स्वीकृति लिए एक निजी कंपनी को अनुबंध करना,बीएन मंडल के प्रतिमा को गाँधीजी का प्रतिमा बताकर महापुरुष के सम्मान को ठेंस पहुँचाया गया, विवि के स्टोर में करोड़ो रुपया का समान गायब है, विवि में अपना प्रिंटिंग प्रेस रहते हुए बाहर के प्रिंटिंग प्रेस से कमीशन लेके काम करवाने का सवाल किसी सदस्य ने नहीं उठाया, खेल तो मनमानी का विषय बन गया विवि के पदाधिकारियों के बच्चें ही नेशनल खेल सकते हैं या उनके चहेते बच्चे, सिल्वर जुबली के नाम पर अवैध निकासी की जाँच भी होनी चाहिए। कुल मिलाकर विवि ने सीनेट बैठक में छात्र हित की अनदेखी की है और बजट सिर्फ विवि के पदाधिकारियों के वेतन और मौजमस्ती के लिए बनाया गया बजट प्रतीत होता है।
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि विवि प्रशासन छात्रों की समस्याओं के प्रति संवेदनहीन बनती जा रही है, छात्रों के किसी भी समस्याओं को विवि प्रशासन समाधान नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि सत्र 2011-12 के प्री पीएचडी के छात्र को कोर्स वर्क में दर्जनों छात्रों को जानबूझकर विवि प्रशासन के द्वारा डिसक्वालिफाइड कर दिया गया। लेकिन जब छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन की मांग की तो विवि प्रशासन ने उन छात्रों को जिनका पैरवी एवं पहुंच था, अधिक मार्क से फेल होने के बावजूद उन लोगों को पास कर दिया। लेकिन बाकी छात्रों के कॉपी का मूल्यांकन नहीं किया। अनुत्तीर्ण छात्र 7 साल से दर-दर भटक रहे है। उन्होंने कहा कि स्नातक एवं पीजी के परीक्षा परिणाम में व्यापक पैमाने पर परीक्षा विभाग के द्वारा गड़बड़ी की गई है। हजारों छात्र-छात्राएं महाविद्यालय व विवि का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन विवि प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। बिना पेंडिंग रिजल्ट क्लियर किए फॉर्म भरने की तिथि जारी कर दी गई है।
विश्वविद्यालय अध्यक्ष कुमार गौतम ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय छात्रों के साथ खिलवार कर रही है.आज अरबों का बजट पास हो गया लेकिन छात्र के भविष्य के लिए कुछ नही हुआ है.ये बजट छात्र विरोधी है.कुलपति पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि कुलपति महोदय बस छात्रों को मीठा मीठा बोलने जानते है वो केवल विचार करते रहते है इधर छात्रों के साथ अन्याय हो जाता है.डॉ अवध किशोर राय जी एक मजबूर कुलपति है.जल्द ही प्रेस कांफ्रेंस करके विश्वविद्यालय का कलई खोलूँगा.
अभाविप के विभाग संयोजक रंजन यादव ने भी इस बजट को छात्र के लिए अन्याय बताया.उन्होंने कहा अरबों का बजट तो पास हुआ लेकिन इसमें छात्र हित का कोई ख्याल नहीं रखा गया। न लाइब्रेरी, न लेबोरेट्री, न शोध को बढ़ावा देने का बजट नहीं हुआ बजट में सिर्फ प्रमोशन प्राप्त शिक्षकों के वेतन का ख्याल रखा गया.उन्होंने सीनेट सदस्यों पर भी हमला बोला और कहा सभी सदस्यों में से किसी ने भी छात्र के लिए आवज नही उठाया बीएस अपने एरियर ,पेंशन ,नियमत सेवा से सम्बन्धित पर रोना रोये अच्छा खाना खाए और निकल लिए.
प्रज्ञा प्रसाद को बर्खास्त नहीं करने पर करेंगे आत्मदाह
एक छात्र ने तो बड़ा प्रश्न खडा कर दिया है. भौतिकी विभाग के छात्र राहुल पासवान ने कहा कि विगत दिनों विवि डिपार्टमेंट जाने के दौरान अर्थशास्त्र विभाग की प्राध्यापिका प्रज्ञा प्रसाद ने उनके साथ अभद्र व्यहार करते हुए जातिसूचक गाली दी थी एवं नाम काटने की धमकी भी थी। इस पर विवि प्रशासन की ओर से अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। बल्कि राहुल को ही विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। इस घटना से वे काफी आहत हैं। उन्होंने कहा कि विवि प्रशासन उन्हें बर्खास्त नहीं करता है तो वे रोहित वेमुला की तरह आत्मदाह लेंगे।विश्वविद्यालय का कलई खोलता यह वीडियो भी देख लीजिए :
https://youtu.be/hM-zllWm6nY
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